बुधवार, 27 जनवरी 2016

फुदक-फुदक कर आयी चिड़िया!



सुबह वॉक पर जाते समय रास्ते में एक घर पड़ता है। उस घर में दो सफेद और रेशमी बाल वाले कुत्ते रहते हैं। सुबह वे दोनों कुत्ते घर के बाहर अकेले टहलते दिख जाते हैं। एक दिन अचानक उन कुत्तों पर नजर पड़ी तो देखा कि दोनों कुत्तों के माथे पर गहरे काले रंग का लंबा सा टीका लगा हुआ था। उस वक्त दोनों कुत्ते अपनी पूंछ हिलाते हुए सड़क पार कर रहे थे। उनके माथे पर टीका देखकर मुझे हंसी आ गई। मेरे साथ चल रही एक आंटी ने बताया कि इन कुत्तों को लोगों की नजर लग जाती है और ये बीमार पड़ जाते हैं इसलिए इन्हें नजर से बचाने के लिए काजल का टीका माथे पर लगाया गया है।

मां भी तो ऐसा ही करती है न। अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए उसके माथे पर टीका लगा देती है।

आजकल लोगों में पालतू जानवरों के प्रति के एक गहरा प्रेम देखने को मिलता है। कॉलेज के दिनों में मेरे हॉस्टल की एक लड़की सफेद रंग का चूहा पाली थी। जब भी वह कहीं जाती तो चूहे को एक बैग में भरकर पीठ पर लटकाकर ले जाती। क्लास के दौरान भी चूहा उसकी बैग में ही बैठा रहता। कुछ लोगों ने उसे यह कहकर डराया कि वह हर वक्त चूहे के साथ रहेगी तो उसे प्लेग हो जाएगा इस पर वह चूहे को और ज्यादा दुलारने लगती।

मेरे घर के आंगन में दो चिड़िया आया करती थीं। दोनों के पैर में एल्युमिनियम के तार पहनाए गए थे। जब भी चिड़िया आंगन में आकर चावल चुगती..हम लोग जोर से चिल्लाते कि देखो पायल वाली चिड़िया आ गई। उन्हें देखकर बड़ा मजा आता था। पैर में एल्युमिनियम का पायल पहनने की वजह से वे अन्य चिड़ियों से थोड़ा अलग दिखा करती थीं। हमारे मुहल्ले में एक चाचा के घर जब मुर्गी ने अंडे दिए और जब उसमें से चूजे निकले तब चाचा ने सभी चूजों को लाल, पीले और गुलाबी रंगों से रंग दिया...वे देखने में इतने सुंदर लगते मन करता कि उन्हें चुराकर अपने घर ले आएं..और उनका नाम टूल्लू, मुल्लू रख दें।

मुझे तो बड़े ही अच्छे लगते हैं ऐसे जानवर जिन्हें हम सजा-संवारकर और भी सुंदर बना देते हैं। जैसे वे हमारे ही भाई-बहन या घर के बच्चे हों।

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