रविवार, 1 नवंबर 2015

अपना पैसा



अपनी कमाई से कहां ऐश हो पाती है यार। अपना पैसा तो जैसे-तैसे गुजारा करने में ही खर्च हो जाता है। जब फेसबुक पर लोगों की फोटो देखता हूं..घूमते हुए..एन्ज्वाय करते हुए तो अपना भी मन करता है कि ऑफिस से छुट्टी लेकर किसी अच्छी जगह पर घूमने निकल जाऊं। लेकिन उसके लिए पैसे की जरूरत होती है। बहुत पैसे की..ताकि अपनी मर्जी से जी सकें।
 
-तुमने शराब क्यों पी?

हां मैंने पी रखी है..लेकिन मैं नशे में बिल्कुल नहीं बोल रहा। तुम भी सोच रही होगी कि मैं नशे में ये सब बड़बड़ा रहा हूं...नहीं...मैं बिल्कुल नशे में नहीं हूं।

जानती हो..ये जो बड़े-बड़े शहर होते हैं ना..यहां किसी को किसी से कोई लेना देना नहीं होता। सब अपने में मस्त हैं। किसी के पास किसी की सुनने का समय नहीं है। ऐसे में अपना गम भुलाने का सहारा दारू ही है।

आज करवा चौथ है। मेरे दोस्तों की बीवियों और गर्लफ्रेंडों ने उनके लिए व्रत रखा है। मेरे लिए किसी ने व्रत नहीं रखा। मैं भी चाहता हूं कि मुझे भी कोई प्यार करे।

-क्यों..तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?

कौन मुझसे प्यार करेगा यार...मैं सुंदर नहीं हूं...इस शहर में मेरे पास अपनी बाइक नहीं है..मैं ब्रांडेड कपड़े नहीं पहनता...बताओ कौन लड़की करेगी मुझसे प्यार।

-प्यार करने के लिए सुंदर होना जरूरी होता है?

हां होता है न..आज कल के लड़कियों को ऐसे ही लड़कों की जरूरत होती है। जानती हो..जब रात को ऑफिस से घर लौटता हूं न तो बहुत अकेलापन लगता है।
मेरा भी मन करता है कि कोई मेरे पास बैठे..उससे मैं अपनी बातें शेयर करूं...उसकी सुनूं।

-तुम शादी क्यों नहीं कर लेते?

शादी...कैसे शादी कर लूं  यार...मैंने देखा है अपने दोस्तों को...कितने ज्यादा परेशान हैं वो शादी के बाद...ना चैन से जी सकते हैं..मर तो बिल्कुल नहीं सकते।

-तब तो तुम्हारी जिंदगी सबसे मजे से कट रही है...ना तो इश्क का मर्ज है..ना ही गले में रिश्तों की फांसी?

नहीं...मेरा भी मन करता है किसी से प्यार करने का। खूब सारा पैसा कमाने का। अपनी मर्जी से घूमने-फिरने, खाने-पीने और जीवन जीने का। मैं बहुत पैसा कमाऊंगा। जैसा फिल्मों में सब कमाते हैं।


-कुछ भी करो लेकिन सुखी और खुश रहो, चाहे भले ही तुम ढेर सारा रूपया कमाकर खुश रहो।




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